स्टाफ नर्स ने दिखाया साहस, समय रहते अग्निशामक सिलेंडर से बुझाई आग
गरियाबंद…..गरियाबंद जिला अस्पताल में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब ऑपरेशन थिएटर के बाहरी कक्ष में अचानक शार्ट सर्किट से वायरिंग में आग लगने लगी ज्यादातर लोग जान बचाकर भागने लगे किंतु कुछ स्टाफ नर्स ने साहस दिखाया और अग्निशामक सिलेंडर से स्प्रे कर आग बुझाई साथ ही मेन स्विच गिरा कर अस्पताल की बिजली बंद कर दे जिसके चलते समय रहते आग पर काबू पा लिया गया अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी राहत भारी बात यह है कि घटना के दौरान ऑपरेशन प्रारंभ होने ही वाला था प्रारंभ हुआ नहीं था जिसके चलते किसी मरीज को खतरा नहीं हुआ अगर ऑपरेशन प्रारंभ हो जाता तो आग की भगदड़ जान बचाने के प्रयास और बंद बिजली के बीच ऑपरेशन में कई तरह की परेशानियां आ सकती थी।

इन सबके बीच एक बार फिर जिला अस्पताल कि खराब वायरिंग चर्चा में है क्योंकि 2 साल पहले यहां एक बार और इससे अधिक बड़ी आग लग चुकी थी उस समय भी शार्ट सर्किट के चलते ही वायरिंग में आग लगी थी आज भी घटना कुछ वैसी ही थी।
विद्युत व्यवस्था सुधारने आए कर्मचारी का कहना था कि लोड बढ़ने और वायर की क्षमता कम होने के चलते वायर हीट किया और शार्ट होकर जलने लगा ऑपरेशन के लिए एकत्र हुए मरीजों को रोक दिया गया और घंटों ऑपरेशन का काम रोकना पड़ा विद्युत व्यवस्था दुरुस्त करने के बाद ही कार्य प्रारंभ हो पाया।

इन सबके बीच प्रत्यक्षदर्शियों ने उन स्टाफ नर्स की सराहना की है जिन्होंने बढ़ती आग के बावजूद धैर्य नहीं खोया और फायर सेफ्टी सिलेंडर लाकर आग बुझाने का साहस दिखाया। वही इस घटना के बाद वायरिंग दुरुस्त करने के दौरान भी शॉट सर्किट की घटना हुई बिजली मिस्त्री ने जैसे ही जलकर चिपक चुके तारों को अलग करने का प्रयास किया तो फिर से काफी चिंगारी निकलने लगी किंतु वायरिंग काटकर इसे रोका गया।
हैरानी की बात तो यह कि अभी डेढ़ माह पहले ही ऑपरेशन थिएटर की वायरिंग की मरम्मत कराई गई थी इसके बावजूद आज आग लगना समझ से परे है अगर लोड अधिक था तो यहां जरूरत के हिसाब से लोड की गणना पहले क्यों नहीं की गई यह सवाल है।
अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर टंडन का कहना है कि लोड अधिक होने के चलते वायरिंग में आग लगने की घटना हुई थी जिस पर समय रहते काबू पाया गया ऑपरेशन के लिए मरीजों को बुला लिया गया था इसलिए तत्काल वायरिंग ठीक कर कार्य प्रारंभ कराया गया।



