गरियाबंद-जिला

नवा छत्तीसगढ़ गढे बर, भाई भूपेश बघेल जुटे है …महन्त

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तहूँ होबे राख, महू होहूँ राख, राखबे तो राख …महन्त

गरियाबंद….. राजिम माघी पुन्नी मेला के संत समागम समारोह में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत पहुंचे। डॉ महंत ने भगवान श्री राजीवलोचन, भगवान कुलेश्वर महादेव व महानदी की पूजा आरती कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा ऐसी परंपरा और कहावत है कि त्रिवेणी संगम पर नहाने वालों के सारे पाप धुल जाते हैं और इसी को फलीभूत करते हुए हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पैरी सोडूल एवं महानदी के संगम स्थल पर पुन्नी मेला का छत्तीसगढ़िया ढंग से आयोजन किया है इसके लिए भूपेश बघेल की जितनी प्रशंसा किया जाए कम है आज यहां आने पर पंडित श्यामाचरण शुक्ला जिनकी आज जयंती है जो म.प्र. के प्रथम मुख्यमंत्री रहे ।

छत्तीसगढ़ की मांग करने वाले हमारे प्रमुख संत कवि पवन दीवान की याद हमें आती है उनके बगैर हम छत्तीसगढ़ की कल्पना नहीं कर सकते उनकी एक मशहूर कविता ,तहूँ होवे राख महू होहूँ राख रागबे तो राख, वह आज भी लोगों के जबान पर प्रचलित है इनके बिना छत्तीसगढ़ की कल्पना करना संभव नहीं है इन्हीं के उठाए आंदोलन के चलते आज छत्तीसगढ़ का यह स्वरूप देखने को मिल रहा है संत लोग जो हमें ध़न देते हैं उसकी कल्पना आप लोग नहीं कर सकते ज्ञान, ध्यान का धन से बड़ा कोई धन नहीं होता जिसके लिए हम सभी यहां पहुंचते हैं और आज उसका रसास्वादन करेंगे। छत्तीसगढ़ वास्तविक रूप से नवा छत्तीसगढ़ के रूप में भूपेश बघेल ने जो यहां कार्य किया है वह देखने को मिलता है यहां पूरी तरह से छत्तीसगढ़िया कार्यक्रम नजर आते हैं वे हमारे पुराने दिनों को याद दिलाते आते हैं। इस अवसर पर उन्होंने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के द्वारा इस मेला कार्यक्रम को विशाल रूप देने पर प्रशन्नता व्यक्त किया ।

इस अवसर पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरा के अनुरूप हम राजिम मेला का आयोजन कर रहे हैं और हमारी मंशा है कि पूरी तरह छत्तीसगढ़िया कार्यक्रम यहां प्रस्तुत किया और छत्तीसगढ़िया को ही अवसर मिले जिसमें हम काफी हद तक सफल भी हैं भूपेश बघेल ने जो सपना देखा है आज वह यहां फलीभूत होते नजर आ रहा है ।इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक अमितेश शुक्ला ने कहा कि जो हमने मुख्यमंत्री से मांग किया था कि 15 दिनों तक राजिम क्षेत्र के आसपास शराबबंदी लागू किया जाए उसे लागू किया गया है इसके लिए हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के व्यक्तिगत रूप से आभारी हैं ।

इस अवसर पर धनेंद्र साहू ने कहा कि राजिम मेला की विशेषता यह है कि यहां पुराने परंपरा और रीति-रिवाज से मेला का आयोजन किया जा रहा है जिसका दूर-दूर से पहुंचे लोग आनंद उठा रहे हैं इस अवसर पर विधायक सिहावा श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि क्षेत्र में काफी विकास किया है और हम इसके लिए भूपेश बघेल के व्यक्तिगत रूप से आभारी है कार्यक्रम के अंत में विभिन्न पहुंचे हुए अतिथियों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया जाए कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने राजिम माघी पुन्नी मेला के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए राजिम मेले का आयोजन किया जा रहा है।

राजिम में राम वनगमन परिपथ का मूर्त रूप लेने से राजिम की गरिमा और बढ़ गई है। घाटों को लाल पत्थर से सौंदर्यीकरण किया गया है। पुरातात्विक महत्व के स्थल सीताबाड़ी में इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए विषेष लाईटिंग की गई है।समारोह में पूर्व विधायक गुरूमुख सिंग होरा, शद्दानी दरबार के संत युधिष्टिर लाल, ब्रह्मकुमार नारायण भाईजी, कबीर पंथ के विचार साहेब, महंत उमेशानंद गिरी जी महाराज, स्वामी सिद्धश्वरांनद महाराज, ब्रम्हाकुमारी हेमा बहन जी, ब्रम्हाकुमारी पुष्पा बहन जी, संत गोकुल गिरी, गोबरा नवापारा पालिका अध्यक्ष धनराज मध्यानी, राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जनपद अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू, मधुबाला रात्रे, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, भावसिंह साहू, विकास तिवारी, सौरभ शर्मा स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित कलेक्टर प्रभात मलिक, पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, वरिष्ठ अधिकारी गण और श्रद्धालु गण मौजूद थे।

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