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गरियाबंद में तेंदूपत्ता तोड़ाई का शुभारंभ: पहले दिन 7 लाख पत्तों की खरीदी, शालिनी रैना और लक्ष्मण सिंह ने किया निरीक्षण

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गरियाबंद, … गरियाबंद जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई के सीजन का आज शानदार आगाज हुआ। पहले दिन जिले के चार से पांच तेंदूपत्ता फड़ों पर खरीदी कार्य शुरू हुआ, जिसमें लगभग 7 लाख तेंदूपत्तों की खरीदी की गई। इस अवसर पर रायपुर वन वृत्त की ए.पी.सी.सी. प्रभारी श्रीमती शालिनी रैना और गरियाबंद जिला तेंदूपत्ता संघ के प्रबंध संचालक एवं डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ ध्रुवागुडी के फरसरा गांव के फड़ का दौरा कर तेंदूपत्ता तोड़ाई और खरीदी प्रक्रिया का बारिकी से निरीक्षण कर समुचित दिशा निर्देश दिया इस अवसर पर श्रीमती शालिनी रैना ने संग्राहकों को कहा कि अच्छे गुणवत्ता युक्त तेंदूपत्ता तोड़े और अधिक से अधिक लाभांश राशि प्राप्त करने का प्रयास करें तेंदूपत्ता तोडाई की राशि यथा शीघ्र उनको जल्द से जल्द प्रदान करने का प्रयास सतत जारी रहेगा।

निरीक्षण के दौरान संग्राहकों से बातचीत

श्रीमती शालिनी रैना ने फरसरा गांव के फड़ पर पहुंचकर तेंदूपत्ता संग्राहकों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं व अनुभवों को सुना। उन्होंने संग्राहकों से प्रति सैकड़ा दर की जानकारी ली और उन्हें न्यूनतम 500 गड्डी पत्ता तोड़ने के लिए प्रेरित किया। संग्राहक कार्ड में की गई प्रविष्टियों की जांच भी की गई ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। श्रीमती रैना ने संग्राहकों के साथ पिछले वर्षों में तेंदूपत्ता तोड़ाई से प्राप्त आय के बारे में भी चर्चा की, जिससे संग्राहकों में उत्साह देखा गया।

निरीक्षण के दौरान श्रीमती रैना ने वन मंडल के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की। उन्होंने कहा, “कार्य में इसी तरह निगरानी और तेजी बनाए रखें। उच्च गुणवत्ता वाले तेंदूपत्तों की खरीदी से संग्राहकों को अधिक लाभ होगा, जिससे उनके जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण आएगा।” उन्होंने फड़ों पर संग्राहकों के लिए रोशनी और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

7 लाख तेंदूपत्तों की खरीदी,और गुणवत्ता पर जोर

पहले दिन चार फड़ों पर लगभग 7 लाख तेंदूपत्तों की खरीदी की गई। डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि वन विभाग का लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाले तेंदूपत्तों की खरीदी करना है, ताकि संग्राहकों को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि वनवासियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए तेंदूपत्ता खरीदी प्रक्रिया को और बेहतर किया जाए। मैडम शालिनी रैना के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।

सरगी नाला और चिगँरा पगार में भी दौरा

निरीक्षण के दौरान श्रीमती शालिनी रैना ने सरगी नाला का भी दौरा किया, जहां पिछले वर्ष लगभग 5 लाख पौधों का रोपण किया गया था। पौधों की स्थिति देखकर वे काफी प्रसन्न हुईं। इसके बाद वे चिगँरा पगार पिकनिक स्पॉट पहुंचीं, जहां प्राकृतिक सौंदर्य और मानव द्वारा निर्मित आकृतियों ने उनका ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने पर्यटकों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि इस स्थल को और आकर्षक बनाया जा सके।

तेंदूपत्ता: वनवासियों की आर्थिक रीढ़

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता, जिसे ‘हरा सोना’ भी कहा जाता है, वनवासियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है। राज्य सरकार ने इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति मानक बोरा कर दिया है, जो संग्राहकों के लिए बड़ी राहत है। गरियाबंद जिले में इस वर्ष 83,000 मानक बोरा संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 66,000 संग्राहक परिवारों को 45.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।

अधिकारियों का संकल्प

डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि विभाग संग्राहकों के हित में पारदर्शी और सुचारु खरीदी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल खरीदी को बढ़ाना है, बल्कि संग्राहकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाना भी है।” श्रीमती शालिनी रैना ने भी इस अवसर पर वन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण से वनवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।

आगे की राह

तेंदूपत्ता तोड़ाई का सीजन अप्रैल के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर जून के दूसरे सप्ताह तक चलता है। गरियाबंद जिले में इस वर्ष खरीदी प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं और अग्नि सुरक्षा उपाय भी लागू किए गए हैं। पहले दिन की सफलता ने संग्राहकों और अधिकारियों में उत्साह भर दिया है, और उम्मीद है कि यह सीजन वनवासियों के लिए आर्थिक समृद्धि का नया अध्याय लिखेगा इस प्रकार, गरियाबंद में तेंदूपत्ता तोड़ाई के पहले दिन की शुरुआत न केवल आर्थिक गतिविधियों के लिए, बल्कि वन संरक्षण और पर्यटन विकास के लिए भी एक सकारात्मक संदेश लेकर आई है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से हिमांशु डोंगरे IFS उप वन मण्डलाधिरी राजिम, मनोज चंद्राकर उप वनमंडलाधिकारी गरियाबंद, राजेंद्र सोरी उप वनमण्डलाधिकारी देवभोग, अतुल श्रीवास्तव ,उप प्रबंध संचालक जिला यूनियन गरियाबंद, वन मंडल के समस्त परिक्षेत्र अधिकारी गण, क्षेत्र के परिक्षेत्र सहायक, परिसर रक्षक,पोषक अधिकारी, सीनियर एग्जिक्यूटिव तथा समिति प्रबंधक संबंधित,फड़ मुंशी,फड अभिरक्षक एवं संग्राहक उपस्थित थे।

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