सरकार के रैली धरना प्रदर्शन की अनुमति के नियम को भ.ज.पा.ने बताया तुगलकी फरमान
कांग्रेस सरकार के 3 साल को बताया फेल
गरियाबंद….. भाजपा ने आज राज्य शासन के 19 बिंदुओं के नियम व शर्तें के तहत विभिन्न धरना प्रदर्शन रैली के अनुमति देने या ना देने के आदेश को अमानवीय व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक होने की बात कही है इस संबंध में पूर्व सांसद व भाजपा पिछड़ा वर्ग के केंद्रीयउपाध्यक्ष चंदूलाल साहू ने गरियाबंद पहुंच पत्रकार वार्ता के बीच कहा सरकार ने एक तुगलकी आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजानिक,धार्मिक, राजनीतिक, अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित आयोजनों पर जिसमें भीड़ आती हो, उसे रोकने के लिए 19 बिंदुओं की शर्तें लगाई गयी हैं, और उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इन शर्तों का पूरी तरह पालन कर कोई भी बड़ा धार्मिक/राजनीतिक/सामाजिक आयोजन संभव ही नहीं है। अतः सीधे तौर पर सरकार यह चाहती है कि जन संगठनों के विरोध प्रदर्शनों को, असहमति की आवाज़ को, विपक्ष को, धार्मिक भावनाओं को अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचल रही है। इस अवसर पर पूर्व सांसद चंदूलाल साहू के साथ बिंद्रा नवागढ़ के विधायक डमरु धर पुजारी पूर्व लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष भागीरथी मांझी जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश साहू महामंत्री अनिल चंद्राकर व भाजपा महिला नेत्री विभा अवस्थी विशेष रूप से उपस्थित थी। पूर्व सांसद ने इस अवसर पर 16 मई को भाजपा द्वारा धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन करने की बात कही उन्होंने कहा कि अगर हमें अनुमति नहीं मिलेगी तब भी हम आंदोलन जरूर करेंगे।

पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने आगे कहा देश के श्रमजीवियों समेत समाज के सभी तबकों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए लम्बी लडाइयां लड़ी है और उसके बाद हम आज यहां तक पहुंचे हैं। दुर्भाग्य यह है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब असहमति के हर आवाजों का दमन करना चाहती है। उसने एक काला आदेश निकाल कर रैलियों और प्रदर्शनों पर कड़े प्रतिबन्ध और शर्तों को थोपने का काम किया है। आप सभी अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के सपनों को छलने का काम किया है। उसने प्रदेश की जनता को दर्जनों लुभावने सपने दिखा कर, जनता ने उसे सत्ता सौंपी, उसी के साथ वह बर्बरता कर रही है श्री साहू ने आगे कहा ऐसे समय पर जब भाजपा बाबा साहेब डा. भीम राव अम्बेडकर की जयंती को ‘सामाजिक न्याय पखवाड़ा’ के रूप में मना रही है, तब बाबा साहेब के संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या की कोशिश कर रही है कांग्रेस ।इस.नियम मे सभी आयोजक तब तक अपराधी हैं, जब तक कि वे निरपराध साबित न हो जायें। ऐसा आदेश तो कभी अंग्रेजों ने भी नहीं दिया था जैसा कांग्रेसी दे रहे। कांग्रेस वस्तुतः अपने राजनीतिक विरोधियों को और असहमति की आवाज़ बुलंद करने वाले समूहों दलों को निशाना बनाने की फिराक में है। किंतु कांग्रेस जैसा उसने इस आदेश के बाद भी बिना डीआरएम घेराव अनुमति अनेक कार्यक्रम कर साबित भी किया है। भारतीय जनता पार्टी, समाज के सभी वर्गों, संगठनों का आह्वान करती है कि अपनी आज़ादी की रक्षा और लोकतांत्रिक अधिकार की बहाली हेतु विरोध करें। श्री साहू ने जोर देते हुए कहा भाजपा स्पष्ट तौर पर कांग्रेस सरकार को यह चेतावनी देना चाहती है कि 15 दिन के भीतर अपना यह काला आदेश वापस ले, अन्यथा पार्टी लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आन्दोलन समेत हर तरह का आंदोलन करने, बलिदान देने सड़क पर उतरने को मजबूर होगी और इसकी सारी जिम्मेदारी कांग्रेस की होगी। कांग्रेस सरकार को हम हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों से खेलने नहीं देंगे। हम यह आदेश वापस लेने कांग्रेस को चेतावनी देते हैं।




